क्या ये जरुरी है की हम २६/११ को ही शहीदों को याद करे ? उनकी कुर्बानियां हमें सिर्फ़ आजही के दिन क्यो याद आनी चाहिए? क्या हमारी देशप्रेम की भावना सिर्फ़ १५ अगस्त और २६ जनवरी तक ही सिमित हो गई है ?
जब की ऐसा नही होना चाहिए। आज हम उनको सिर्फ़ अपनी कृतज्ञता ही अर्पण कर सकते है। और उनके रिश्तेदारोंको सहयोग। और हम ये दोनोंही चीज़े नही कर रहे है। ये सिर्फ़ आपके और हमारे सहयोग से ही सम्भव है । इसमे खोया सिर्फ़ आम जनता ने ही है तो आम जनता को ही आगे बढ़ना होगा । वीरोंको सिर्फ़ २६ जनवरी, १५ अगस्त और २६/११ को ही याद न करके हर दिन उनकी शहादत स्मरण करनी चाहिए।
जय हिंद ! जय भारत !
Showing posts with label वीरों को श्रद्धांजलि. Show all posts
Showing posts with label वीरों को श्रद्धांजलि. Show all posts
Thursday, 26 November 2009
वीरों को श्रद्धांजलि
Subscribe to:
Posts (Atom)
-
अमरकांत की कहानी -डिप्टी कलक्टरी :- 'डिप्टी कलक्टरी` अमरकांत की प्रमुख कहानियों में से एक है। अमरकांत स्वयं इस कहानी के बार...
-
अमरकांत की कहानी -जिन्दगी और जोक : 'जिंदगी और जोक` रजुआ नाम एक भिखमंगे व्यक्ति की कहानी है। जिसे लेखक ने मुहल्ले में आते-ज...