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Thursday, 16 April 2009

हर बात में -------------------

हर बात में वही बात जताते हैं
खुल के पूछो तो इठलाते हैं ।

किसी और से नही पर ,
मेरे आगे खूब इतराते हैं ।

मैने पूछा प्यार के बारे में,
वो हैं की बस बहकाते हैं ।

मन जो सुनना चाहता है,
उसी बात को सुन शर्माते हैं ।

कभी-कभी नाराज होता हूँ क्योंकि,
VO BADAY HI PYAAR SAY MANAATAY HAIN ।

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥

ChatGPT said: "तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥" —  ईशावास्योपनिषद् , मन्त्र 1 का अंतिम खण्ड मूल श्लोक: Copy code ईश...