Showing posts with label हल्का-हल्का जाने कैसा. Show all posts
Showing posts with label हल्का-हल्का जाने कैसा. Show all posts

Thursday, 4 February 2010

हल्का-हल्का जाने कैसा,/abhilasha

छुई-मुई सी सिमट गई,
तुम जब मेरी बांहों में 
तपन से तेरी सांसों की,
बना दिसम्बर मई प्रिये .

हल्का-हल्का जाने कैसा,
दर्द उठा था मीठा सा .
एक दूजे से मिलकर ही,
हम तो हुए थे पूर्ण प्रिये . 
                                -----------अभिलाषा  

तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥

ChatGPT said: "तेन त्यक्तेन भुञ्जीथाः मा गृधः कस्यस्विद्धनम्॥" —  ईशावास्योपनिषद् , मन्त्र 1 का अंतिम खण्ड मूल श्लोक: Copy code ईश...