महसूस कर हवा में मिलेंगी सदायें मेरी ;
आसमान से बरसती दुआएं मेरी ;
दूर रहने पे भी मेरे अहसास तेरी तन्हाई छू जायेंगें ;
बातों में तेरे मुंह से मेरे अलफाज निकल आयेंगें ;
सहेज लो चाहे जितना अपने मन अपनी नई जिंदगानी में ;
बिना मेरा जिक्र कहाँ रंग आएगा तेरी कहानी में ;
तू कहता है नही जरुरत अब मेरी मोहब्बत औ उसके इरादों की ;
नही परवा मेरे इश्क और मेरे हालातों की ;
तेरी अवहेलना ने आखों को इक हँसी सी नमी दी है ;
मेरे दिल को सबमे प्यार बांटने की जमीं दी है ;
सुक्रगुजर हूँ तेरा और तेरी इनायतों का ;
मेरी भावनाओं ,आकान्छाओं को अपनी दुश्मनी दी है ;
आईने में देखा जरा नजर भर के ख़ुद को ;
मेरी मोहब्बत के अहसासों ने तुझे क़यामत की खूबसूरती दी है /
झांक सकते हो तो झाँकों अपने ह्रदय के बंद हिस्सों में ;
मैंने कभी तुझे जिंदगी भर की खुशी दी है /