११3
जीवन भर का अधूरापन ,
यद्यपि है अभिलाषा लेकिन
जीवन में भरती प्राण यही,
यही सिखाये प्रेम प्रिये .
एक-दूजे के पूरक ये,
एक-दूजे में रचे-बसे .
एक सिखाये जोग तो,
दूजा जगाये अलख प्रिये .
अभिलाषा ११3
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Friday, 8 January 2010
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