'लड़की की शादी` कहानी में एक बाप की चिंता और लड़की का विवाह संपन्न कराने हेतु किये जाने-वाले सही-गलत प्रयासों का मार्मिक चित्रण हैं।
बड़े-बड़े घरों में अपनी लड़की का रिश्ता ना करवा पाने पर अचानक चिंतित पिता का ध्यान कृष्णमोहन नामक युवक पर जाता है। वे कृष्णमोहन से मिलते हैं और उसकी नौकरी लगवाने में अहम् भूमिका निभाते हैं। इन सब के बाद वे बड़ी ही चा़लाकी से अपनी लड़की की शादी कृष्णमोहन से करवा देते है।
इस तरह वे बेटी की शादी करवा कर चिंता मुक्त होते हैं। उन्हें यह विश्वास भी है कि कृष्णमोहन जिन्दगी भर उनकी बेटी का आज्ञाकारी पति बना रहेगा।
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