बबूल के पेड़ से छावं का कयास है ;
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मोहब्बत की यादों से निज़ात की आस है ;
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उनसे मिलने को बेकरार दिल तो है ,
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कौनसा रंग पहनायुं जनाजे इश्क को रंग की तलाश है /
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अमरकांत : जन्म शताब्दी वर्ष डॉ. मनीष कुमार मिश्रा प्रभारी – हिन्दी विभाग के एम अग्रवाल कॉलेज , कल्याण पश्चिम महार...
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