Thursday, 29 April 2010

बबूल के पेड़ से छावं का कयास है ;

बबूल के पेड़ से छावं का कयास है ;
.
मोहब्बत की यादों से निज़ात की आस है ;
.
उनसे मिलने को बेकरार दिल तो है ,
.
कौनसा रंग पहनायुं जनाजे इश्क को रंग की तलाश है /
.

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..

डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित

 डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित  दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...