याद तेरी ,
रातों का जगना ;
याद तेरी ,
खुदी में रमना;
याद तेरी ,
भावों की महफ़िल ,
याद तेरी ;
राहों की मुश्किल ;
याद तेरी /
याद तेरी ,
रातों का जगना ;
याद तेरी ,
खुदी में रमना;
याद तेरी ,
भावों की महफ़िल ,
याद तेरी ;
राहों की मुश्किल ;
याद तेरी /
दुष्यंत कुमार की 10 ग़ज़लें 1. मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ त...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..