Friday, 2 April 2010

हम दोनों का रिश्ता है बड़ा करीब का;/

हम दोनों का रिश्ता है बड़ा करीब का;
जैसे सेठ से नाता हो गरीब का ;
हम दोनों का रिश्ता है बड़ा करीब का;
,
नित्य नए की चाह है उसकी ,
मुझको केवल आह है उसकी ;
नयी डगर पे वो चलता है ,
मेरा दिल उसकी गलियों में रमता है ;
भूत से उसे लगाव नहीं है ;
भविष्य की मुझे दरकार नहीं है ;
हम दोनों का रिश्ता है बड़ा करीब का;
जैसे भाग्य से नाता गरीब का /
,
जफा की तू प्यारी रही है ,
वफ़ा से मेरी यारी रही है ;
तू कहता है तेरी बेवफाई खेल है नसीब का ;
मै कहता हूँ तुझसे मेरा रिश्ता है करीब का /

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..

डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित

 डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित  दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...