'लड़की और आदर्श` अमरकांत बहुत चर्चित तो नहीं परंतु अच्छी कहानी है। कहानी विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले नरेन्द्र की है। जिन्हें कमला नामक विश्वविद्यालय की छात्रा से प्यार हो जाता है। लेकिन कमला एक नेपाली छात्र को प्यार करती थी। अत: नरेन्द्र विश्वविद्यालय यूनियन के पदाधिकारी श्याम से मदद माँगने पहुँचते हैं।
नरेन्द्र खुद शर्मीले स्वभाव के थे। श्याम ने कई बार उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे कमला से बात करें। पर नरेन्द्र कभी इतनी हिम्मत जुटा ही नहीं पाये। बड़ी-बड़ी बातें करते पर जब कुछ करने का समय आता तो वे पीछे़ हट जाते। इसी तरह पूरा साल बीत जाता है पर नरेन्द्र कभी भी कमला से आमने-सामने बात नहीं कर पाये। अंत में इम्तहान खत्म होते हैं और छुटि्टयाँ लग जाती हैं।
छुटि्टयों के बाद जब श्याम नरेन्द्र से मिलकर कमला की बात छेड़ते हैं तो नरेन्द्र बेरूखी से उसकी बुराई करते हैं। इस तरह प्रेम में असफल होने पर वे आदर्श की चादर ओढ़कर अपने यथार्थ से मुंह चुराते हैं।
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