मैखाने से बिना पिए निकलने की बात कहते हो ;
मंदिर में बिन भावों के जाने की बात कहते हो ;
उफनती नदी में तिनके का सहारा छोड़ भी दूँ ;
तुम तो बिना मोहब्बत मिलने की बात कहते हो /
लास्लो क्रास्नाहोर्काई : 2025 के नोबेल पुरस्कार विजेता हंगेरियाई लेखक बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में जब विश्व साहित्य ने उत्तर-आधुनिक य...
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