उम्मीदे वफ़ा है की तू मिल जाये ,
यादों का फलसफा है की तू मिल जाये ;
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वर्षों का इंतजार लाजमी है की निराशा छाये ;
मेरे जनाजे को यकीं है तू मिल जाये /
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डॉ मनीष कुमार मिश्रा अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित दिनांक 16 जनवरी 2025 को ताशकंद स्टेट युनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज ...
fation ki maar dekho kapda uda hai tan se' makeup se tan dhaka hai khushboo ude badan se
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