ONLINE HINDI JOURNAL
Sunday, 16 August 2009
अभिलाषा-१३
अनजानी सी राह में कोई,
हम दोनों यदि फ़िर मिल जाएँ,
नजरे झुका कर अपनी तुम,
कर लेना मुझे स्वीकार प्रिये ।
--------------------अभिलाषा
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