ONLINE HINDI JOURNAL
waah ............kya kahne.
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दुष्यंत कुमार की 10 ग़ज़लें 1. मैं जिसे ओढ़ता बिछाता हूँ वो ग़ज़ल आप को सुनाता हूँ एक जंगल है तेरी आँखों में मैं जहाँ राह भूल जाता हूँ त...
waah ............kya kahne.
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