ONLINE HINDI JOURNAL
Sunday, 9 August 2009
अभिलाषा-१
मेरा अर्पण और समर्पण
सब कुछ तेरे नाम प्रिये ।
श्वास-
श्वास तेरी अभिलाषा,
तू जीवन की प्राण प्रिये ।
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