तू प्रेम नयन मे जैसे अंजन ,
तू चाहत का प्रेमी खंजन ।
लक्ष्य अलक्षित इस जीवन का ,
तू ही मेरे बना प्रिये ।
अभिलाषा
लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति केंद्र ( भारतीय दूतावास, ताशकंद, उज्बेकिस्तान ) एवं ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज़ ( ताशकं...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..