कभी तो आखें खुशियों के आंसूं बहायेंगी
कभी तो जिंदगी हम होगी /
कभी तो आशाएं चहचहायेंगी ;
कभी तो आखें खुशियों के आंसूं बहायेंगी/
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शव यात्रा मेरी जब निकले ,
तब राम नाम की सत्य ना कहना ।
प्रेम को कहना अन्तिम सच ,
प्रेमी कहना मुझे प्रिये ।
अभिलाषा
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हम दोनों फ़िर जो जा पाते ।
तो गुड्डे -गुडियों के जैसे,
रचा ब्याह हम लेते प्रिये ।
---------------------------------अभिलाषा
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