वैसे मेरी ये आदत अच्छी नहीं है
मगर वो भी तो कोई बच्ची नहीं है।
होना था तो इश्क हो गया क्या है
वैसे भी हमारी उम्र कच्ची नहीं है।
एतबार उसका भला करता कैसे
जानता हूं वो मुझसी सच्ची नहीं है।
मुझे सुना दो जो भी चाहो लेकिन
जो झेला नहीं उसकी जलती नहीं है।
वो फरेबी है ये मैं जानता हूं मगर
आरजू उसकी दिल से मिटती नहीं है ।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
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