Friday, 5 May 2023

कल रात ख़्वाब में

 




कल रात ख़्वाब में तुझसे मिलना हुआ

सितारों ने चादर समेटी सब सपना हुआ ।


मेरे कमरे से तेरी भीनी खुशबू आ रही है

कल तुझसे कितना कहना - सुनना हुआ । 


अगर तुम सच में जो मिलने आओ कभी

यह ख़्वाब का हकीकत में बदलना हुआ ।


बस एक नज़र भर के जो देखा तुझे तो

मेरे अंदर कई अरमानों का मचलना हुआ ।


राह चिकनी थी बड़ी सो संभल नहीं पाए

फिर क्या कि इश्क में बस फिसलना हुआ ।

          डॉ मनीष कुमार मिश्रा 








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