Friday, 26 May 2023

कोहरे में छनकर धूप उतर आई है

 


कोहरे में छनकर धूप उतर आई है

कागजों में खेतों तक नहर आई है।


इस पूरे दिन का इंतजार पूरा हुआ 

शाम वो खिड़की में नज़र आई है।


समंदर सा बड़ा दिल होना चाहिए

मेरे पैर धोने उसकी लहर आई है।


बारिश की बूंदों से खेलती लड़की

सुना कल ही गांव से शहर आई है।


दिल्ली होकर जो चल रही है हवा 

सांसों के लिए लेकर ज़हर आई है।

Dr Manish Kumar Mishra
Kalyan 

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