कुछ गुनाह हो जाएं तसल्ली होगी
वरना तो जिंदगी कोई खिल्ली होगी ।
अपने हुक्मरानों से सवाल नहीं करती
कौम यकीनन वो बड़ी निठल्ली होगी ।
काम बनने बिगड़ने के कई कारण होंगे
पर दोहमतों के लिए काली बिल्ली होगी ।
झूठ के चटक रंगोंवाली चंचल लड़की
जितनी शोख उतनी ही चिबिल्ली होगी ।
वक्त के साथ जरूरतें बदल जाती हैं
घर के कोने में पड़ी जैसे सिल्ली होगी ।
आते - जाते मुझे जाने क्यों चिढ़ाती है
सोचना क्या शायद कोई झल्ली होगी ।
झूठ के रंगों से पूरी दुनियां गुलज़ार है
यह बात यकीनन बड़ी जिबिल्ली होगी ।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
के एम अग्रवाल महाविद्यालय
कल्याण पश्चिम
बहुत उम्दा आदरणीय ।
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