वहां मेरे बिना बताओ मौसम कैसा है
शिमला में मेरा प्यारा हमदम कैसा है।
ऊंचे नीचे पहाड़ी रास्तों का सूनापन
फिर चलते हुए फूलना दम कैसा है।
सर्द रातों में अकेले सोना लिहाफ में
यूं अकेली रातों का बोलो गम कैसा है ।
मॉल रोड़ की रंग बिरंगी ढलती शामें
बे - मौसम बारिश वाला सितम कैसा है।
एडवांस स्टडी मेन गेट पर वर्मा पराठे
वो बालूगंज में जलेबी दूध गरम कैसा है।
मुंह चिढ़ाते फायर स्टेशन के लंगूर बंदर
उनके काटने झपटने वाला वहम कैसा है ।
एच पी यू बच्चों का शोर शराबा नारेबाजी
ठाकुर की पीना चाय शक्कर कम कैसा है ।
संकट मोचन, तारा देवी और जाखू टेंपल
यहां का दर्शन पूजन भजन मद्धम कैसा है ।
लोवर मार्केट में घूमते हुए करना मोल भाव
बेचना 400 की जैकेट खाकर कसम कैसा है ।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
कल्याण
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