तेरा मुझसे क्या रिश्ता था ,
मेरा तुझसे क्या रिश्ता है ;
सब रिश्ता भूल गया /
याद हैं बस आखों के आंसू ;
सारा किस्सा भूल गया /
रातें आखों में कटी ;
रातों का अँधियारा भूल गया /
राहों में उलझा हूँ दिन भर ;
घर का रास्ता भूल गया /
बातों में उनके बिरहा होता था ,
आखों में मदिरालय ;
बहकूँ कैसे यार मेरे ;
मदहोशी ही भूल गया /
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ताशकंद संवाद: उज़्बेकिस्तान से प्रकाशित पहली ई पत्रिका
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