जब -जब सावन बरसता होगा
मेरा यार कितना तरसता होगा ।
छत पर अकेले हर शाम को ,
वह न जाने क्या-क्या सोचता होगा ।
सब पूछेंगे उदासी का सबब उससे,
मगर वह कुछ नही कहता होगा ।
बहुत ही उदास होता होगा वह ,
जब रात अकेले मे चाँद देखता होगा ।
चंदन सा शीतल बदन उसका यारों ,
sardiyon ki raat mae jaltaa hoga .
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