वह प्यार को नया मोड़ देता है ,
रुमाल अपना मेरे पास छोड़ देता है ।
जात-पात ऊँच-नीच की गागर को ,
अक्सर कोई कन्हाई फोड़ देता है ।
हर एक नई मुलाकात के साथ ,
वह नया रिश्ता जोड़ देता है ।
तेवर बगावती हैं इसके बडे ,
मोहबत्त हर रिवाज को तोड़ देता है ।
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ताशकंद संवाद: उज़्बेकिस्तान से प्रकाशित पहली ई पत्रिका
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BEAUTIFUL THOUGHTS.....THANKS FOR VISITING MY BLOG.REGARDS
ReplyDeleteKAVITA