Saturday, 13 May 2023

वो काम सारे मुकम्मल पूरा चाहती हैं

 वो काम सारे मुकम्मल पूरा चाहती हैं

लड़कियां कहां कुछ अधूरा चाहती हैं ।


यूं ही नहीं सज़ा देती हैं घर आंगन को

ये अपनी जिंदगी में सलीका चाहती हैं ।


खिले हुए फूलों को देखकर खुश होती

ये भी उन्हीं की तरह खिलना चाहती हैं ।


उड़ती हुई तितलियों के रंग ढंग देखकर

ये भी तो अपनी मर्जी से उड़ना चाहती हैं ।


बंदरों को डालियों पर उछलता देखकर 

ये भी झूले पर देर तक झूलना चाहती हैं ।


सबकुछ लुटा हंसना रोना पसंद है इन्हें

लड़कियां जिंदादिली से जीना चाहती हैं ।


ये परिंदे हैं आसमान में ऊंची उड़ानों के

इन्हें हौसला दो बहुत कुछ करना चाहती हैं ।

डॉ मनीष कुमार मिश्रा

कल्याण पश्चिम,महाराष्ट्र 

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