राष्ट्रीय जल दिवस (National Water Day) भारत में हर वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य जल संरक्षण (Water Conservation) के प्रति लोगों को जागरूक करना और जल के महत्व को समझाना है।
राष्ट्रीय जल दिवस का महत्व:
जल मानव जीवन का मूल है। पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों और संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जल आवश्यक है। लेकिन आज के समय में जल की बर्बादी, जल प्रदूषण और भूजल स्तर में गिरावट जैसे गंभीर मुद्दे सामने आ रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए लोगों में जल के प्रति संवेदनशीलता जगाने के लिए राष्ट्रीय जल दिवस मनाया जाता है।
राष्ट्रीय जल दिवस का उद्देश्य:
जल के महत्व को समझाना।
जल संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूकता फैलाना।
जल प्रदूषण को रोकने के लिए लोगों को प्रेरित करना।
वर्षा जल संचयन (Rainwater Harvesting) को बढ़ावा देना।
जल संसाधनों के सतत उपयोग की दिशा में प्रयास करना।
2025 के जल दिवस की थीम:
हर वर्ष विश्व जल दिवस की तरह, राष्ट्रीय जल दिवस की भी एक थीम होती है। 2025 में इसकी थीम है:
"जल का न्यायपूर्ण वितरण और सतत उपयोग"
(Theme: "Equitable Distribution and Sustainable Use of Water").
महत्वपूर्ण संदेश:
"बूँद-बूँद से सागर बनता है।"
हर व्यक्ति यदि एक-एक बूँद जल बचाए तो जल संकट से बचा जा सकता है।
जल ही जीवन है; इसके बिना विकास, स्वास्थ्य और भविष्य की कल्पना नहीं की जा सकती।
जल संरक्षण के सरल उपाय:
नलों को टपकने न दें।
वर्षा जल संचयन को अपनाएँ।
जल प्रदूषण को रोकने के लिए रासायनिक कचरे का नदियों में बहाव न करें।
फसलों में ड्रिप इरिगेशन, स्प्रिंकलर जैसी तकनीकों का उपयोग करें।
घरेलू कार्यों में जल का सीमित और समझदारी से उपयोग करें।
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