Thursday, 20 March 2025

उज़्बेकिस्तान का इतिहास




उज़्बेकिस्तान का इतिहास बहुत ही समृद्ध और विविधतापूर्ण रहा है। यह क्षेत्र प्राचीन काल से ही सभ्यताओं, साम्राज्यों और व्यापार मार्गों का केंद्र रहा है। आइए इसे संक्षेप में देखें:

प्राचीन काल:

प्रारंभिक सभ्यताएँ: उज़्बेकिस्तान की भूमि में बख्त्रिया और सोगडियाना जैसी प्राचीन सभ्यताएँ फली-फूलीं। यहाँ के लोग कृषि, व्यापार और शिल्पकला में निपुण थे।

सिल्क रोड (रेशम मार्ग): उज़्बेकिस्तान ऐतिहासिक रूप से सिल्क रोड का महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जिससे चीन, भारत, पर्शिया और यूरोप के बीच व्यापार होता था। समरकंद और बुखारा प्रमुख व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्र थे।

मध्यकालीन काल:

अरब आक्रमण: 8वीं शताब्दी में अरबों ने इस क्षेत्र पर विजय प्राप्त की और इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार हुआ।

सामानिद वंश: 9वीं-10वीं शताब्दी में सामानी साम्राज्य का उदय हुआ, जिसने इस क्षेत्र में फारसी संस्कृति और इस्लामी कला को बढ़ावा दिया।

मंगोल आक्रमण: 13वीं शताब्दी में चंगेज खान के नेतृत्व में मंगोलों ने इस क्षेत्र को जीत लिया।

तैमूर वंश (टीमुरिड साम्राज्य): 14वीं शताब्दी में तैमूर (तमेरलेन) ने समरकंद को अपनी राजधानी बनाया और एक विशाल साम्राज्य की स्थापना की। उनके शासनकाल में समरकंद कला, वास्तुकला और विज्ञान का केंद्र बन गया।

आधुनिक काल:

खानतों का युग: तैमूरी साम्राज्य के पतन के बाद, बुखारा, खिवा और खोरेज्म जैसे कई स्थानीय खानत स्थापित हुए।

रूसी साम्राज्य का नियंत्रण: 19वीं सदी में रूस ने इस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया। धीरे-धीरे उज़्बेकिस्तान रूसी साम्राज्य का हिस्सा बन गया।

सोवियत काल:

सोवियत संघ में शामिल: 1924 में उज़्बेक सोवियत समाजवादी गणराज्य का गठन हुआ और यह सोवियत संघ का हिस्सा बन गया। सोवियत युग में औद्योगीकरण, कपास उत्पादन और बुनियादी ढांचे में विकास हुआ, लेकिन स्थानीय संस्कृति और परंपराओं पर प्रतिबंध लगे।

स्वतंत्रता:

स्वतंत्रता प्राप्ति: 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद उज़्बेकिस्तान ने स्वतंत्रता प्राप्त की।

आधुनिक उज़्बेकिस्तान: स्वतंत्रता के बाद इस्लाम करीमोव देश के पहले राष्ट्रपति बने। उनके नेतृत्व में देश ने स्थिरता बनाए रखी, हालांकि आलोचकों ने मानवाधिकारों की स्थिति पर चिंता जताई। 2016 में करीमोव की मृत्यु के बाद शावकत मिर्ज़ियोयेव राष्ट्रपति बने और उन्होंने कुछ सुधारवादी नीतियाँ अपनाई।

प्रमुख ऐतिहासिक नगर:

समरकंद, बुखारा, खिवा, और ताशकंद (राजधानी) - ये सभी शहर ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।


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