ताशकंद के इन फूलों में केवल मौसम का परिवर्तन नहीं,
बल्कि मानव जीवन का दर्शन छिपा है। फूल यहाँ प्रेम, आशा, स्मृति, परिवर्तन और क्षणभंगुरता के प्रतीक हैं।उनकी बहार दिल के भीतर छिपी सूनी जमीन पर भी रंग और सुवास बिखेर जाती है। जैसे थके पथिक को किसी अनजानी जगह अपना गाँव दिख जाए — वही अपनापन, वही मिठास।फूलों की झूमती डालियाँ — जीवन के उतार-चढ़ाव की छवि,कभी तेज़ हवा में झुकतीं, तो कभी सूर्य की ओर मुख उठातीं।उनमें नश्वरता का भी बिंब है —पलभर की खिलावट, फिर मुरझाना,मानो कहती हों, "क्षणिक जीवन में ही सौंदर्य है।"
हवा में तैरती सुगंध — कोई इत्र नहीं,बल्कि बीते समय की स्मृतियाँ,
जो अनायास ही मन के बंद दरवाजों को खोल देती हैं।हर फूल — एक कविता, हर पंखुड़ी — एक अधूरी प्रेम-कहानी।फूलों की इस बहार में एक सन्देश छुपा है —
रंग भले अलग हों, खुशबू एक-सी होती है,
जैसे जीवन में विभिन्नता के बावजूद,
मूल में प्रेम, शांति और सुंदरता की गूँज होती है।
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