मीर गालिब की नस्लें चैट जीपीटी वाले शायर बनेंगे
छा जाएंगे इंटरनेट दुनियां पर ये पुष्पा द फायर बनेंगे ।
ऑनलाइन डेटिंग, चैटिंग, सेल्फी के बेताज बादशाह
अभी कतरा हैं देख लेना ये भी एक दिन समंदर बनेंगे ।
तकनीक से दो दो हाथ, साथ ही घंटों रियाज़ करते हैं
निराश क्यों हो अम्मी अब्बू, ये यकीनन सिकंदर बनेंगे ।
हज़ारों ठोकरों के बीच जब, बेरहम सवाल खड़े होंगे
लड़ेंगे जूझेंगे हकीकत से, गलत है कि ये कायर बनेंगे ।
ये नौकरी की तलाश में नहीं स्टार्ट अप के नायक होंगे
तेज़ रफ़्तार वाली जिंदगी में ये ट्यूब लेस टायर बनेंगे ।
इतनी चिंता करने से पहले सोचिए हम आप क्या थे ?
यूं हमारे वालिद भी कहते थे, हम बस फटीचर बनेंगे ।
इन हांथ की लकीरों में, अब कौन जाने क्या लिखा है
पर मुझे भरोसा है कि हमारे बच्चे हमसे बेहतर बनेंगे ।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
सहायक प्राध्यापक
के एम अग्रवाल महाविद्यालय
कल्याण पश्चिम,महाराष्ट्र
manishmuntazir@gmail.com
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