गुजरा जमाना ,
आज का फ़साना ;
अनकही बातें ,
अधूरे जजबात ,
और वो रात /
अरमानो का मौसम ,
बाहों की जकडन ,
जलता तन ;
बहकता मन ,
सतत प्यास ,
वो भावों का कयास ;
महकी सांसों का बंधन ,
तन से खिलता तन ;
क्या सच क्या सपना ;
रास्ता देखती आखें ,
आखों से आखों की बातें ;
सुबह का इंतजार करती रातें ;
स्पर्श से आल्हादित दिन ,
सामने पाके हर्षित मन ;
प्यार बरसते नयन ,
भावनावों की मदहोशी ;
उसपे तेरी हंसी ,
क्या सच , क्या सपना ;
क्या भाग्य क्या विडम्बना ,
क्या तू है मेरा अपना /
bahut hi umda khyal..........bhavnaon ka jwar bhata hai.
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