आज नया क्या दूँ मैं किसको ?
प्यार किया था एक सपने से ;
जो कसी ने तोड़ दिया ;
स्नेह दिया था जिस अपने को ;
उसने मुह मोड़ लिया ;
आज नया क्या दू मै किसको ?
विसवास किया था जीवन का जिसपे ;
उसको अपना ही हित प्यारा है ;
याद किया है जिसको हर पल ;
उसका ह्रदय पराया है ;
आज नया क्या दूँ मैं किसको ?
Sunday, 3 May 2009
आज नया क्या दूँ मै किसको
Labels:
हिन्दी कविता hindi poetry

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