अजीब सा उसका मिजाज है ,
मोहबत्त को कहता नमाज है ।
इश्क के नाम पर खफा हैं लोग यंहा
मेरे आस-पास यह कैसा समाज है ।
भाती है,मगर मीठी आंच है यह,
इस प्यार का यही अंदाज है ।
बदन तक तो ठीक है लेकिन,
हमारे आचरण पर भी लिबाज है ।
वो चुप है,मगर कमजोर नही है,
उसे शायद आप का लिहाज है ।
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