पास तुम नही तुम्हारी यादें हैं
यंही-कंही बिखरे तेरे वादे हैं ।
सभी रिश्ते बढ़ा रहे हैं मुझसे ,
जाने कैसी बिछा रहे बिसादे हैं ।
जब से तुम्हे चाहने लगा हूँ मै,
ajeeb say uth rehay iraadey hain .
meri apni koi ichha hi nahi ,
hum to shatranj kay maamooli pyaade hain .
unhay sab kuchh mila hai bana-banaya,
jo kahlaatay duniya may sahjaade hai .
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achchi kavita.
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