Friday, 22 May 2009

कभी इकरार करता है

कभी इकरार करता है ,
कभी इनकार करता है ;
कभी खिलता कँवल है ,
कभी अनपढ़ी गजल है ;
कहीं अधुरा सच है तू ,
कहीं पूरा तप है तू ;
कहीं विस्वास है तू ,
कहीं खोयी आस है तू ;
कहीं बंधन में जकडा है ,
कहीं बस यूँ ही अकडा है ;
चेहरे की मुस्कान है तू ,
आंसुवो की जान है तू /

2 comments:

  1. This doesn't come to me in english, I wish I new what language this is....any way thank you....

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  2. Badaa dard hai yaar, kahan se laate ho itna dard.

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