ठहरा हुआ जों वक़्त हो उससे निकल चलो
गम की उदासियों से हंस कर निपट चलो
गमनीन जिंदगानी को खो कर निखर चलो
कठिनाई के दौर से डटकर निपट चलो
बिखर रहा हो लम्हा यादों में किसी के
सजों कर कुछ पल दिल से निकल चलो
जिंदगी गुजर रही जों उसकी तलाश में
जी भर के तड़प के मुस्कराते निकल चलो
जों गुजर गया वो भुत है अब नया मेरा मीत है
ReplyDeleteभविष्य नया तलाश कर यादों का कभी ना साथ कर
सीख दे गयी वो बात तो पते की थी
कैसे बदलता दिल मेरा वो मेरे धड़कन में थी
very nice lines...i lyk it