गम को गम दिया तुने ख्वाबों को भी ख्वाब
सहमति-तरसती जिंदगी क्या कम थी जों सोचों को दिया दुर्भाव
सपनों में हंस लेते थे पहले सोचों में जी लेते थे
प्यार ऐसा परवान चढ़ाया तुने विछीप्त हुआ हर भाव
जख्म दिए तूने सीने में अहसासों को भी घाव
सांसों को तरसाया तूने हर लम्हा किया दुस्वार
गम को गम दिया तुने ख्वाबों को भी ख्वाब
जख्म दिए तूने सीने में अहसासों को भी घाव
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