क्या आप कभी मेरी मोहब्बत के पात्र रहे हैं
क्या आप कई वर्ष मेरे आस पास रहे हैं
क्या आपने मेरी आखों में समुन्दर तलाशा था
क्या आपने मेरी जुल्फों में निशा के मंजर को ढाला था
क्या आपने चूमा था मेरा ललाट अधिकार से कभी
क्या आपने सींचा था मुझे अपने प्यार से कभी
क्या आपके ओठों ने मेरे लबों की लाली बडाई थी
क्या मेरे उफनते सीने को अपने आलिगन में समायी थी
क्या मेरी रातें तेरी बाँहों में महकी थी
क्या तुम हो वही जिसकी आगोश में मेरी सुबहें बहकी थी
जाने दो गुजरे वक़्त को अब याद क्या करना
जाने दो तुम्हे पहचान के अब अहसान क्या करना
जों गुजर गया वो भुत है अब नया मेरा मीत है
भविष्य नया तलाश कर यादों का कभी ना साथ कर
सीख दे गयी वो बात तो पते की थी
कैसे बदलता दिल मेरा वो मेरे धड़कन में थी
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