कभी तू मुझपे मरती थी तू कहती है ,
कभी तू मुझसे प्यार करती थी तू कहती है ,
कभी विश्वास किया था मुझपे ,
कभी सांसों का भाग किया था मुझको ,
तुने तो मुझे इतिहास बना डाला ,
बारिश के मौसम को अकाल बना डाला ,
बड़े शौक से फूकें शायद मेरी अर्थी को ,
तुने जजबातों को सूखा व्यवहार बना डाला ,
तुने रिश्ते को अवसाद बना डाला ,
मुझको इतिहास बना डाला /
कहते हो वो कोई और वक़्त था ,
वो तो भावों में बहने का दौर था ,
तरुणाई के जज्बों से अब क्या लेना देना ,
वो तो बाँहों में खिलने का ठौर था /
पर वो मेरे सत का  प्यार था  ,
मेरे  सपनों का इज़हार  था  ,
मेरी धड़कनों की गूंज  थी ,
मेरे  दिल की  हूक  थी ,
मेरी सांसों की साँस  थी ,
मेरे  अरमानो  की प्रीती थी /
मै इतिहास नहीं हूँ ,
इंतजार है , तकरार है ,
पर मै भूतकाल नहीं हूँ ,
प्यार चुकता नहीं ।
अंग संग जलाता है ,
समय कोई हो ,
दिल में बसता है /
वक़्त  कोई हो ,
प्यार  वही हो ,
भावों का सरगम क्यूँ बदलें ,
जब सांसों का  उदभाव वही हो  /
 
 
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..