Monday, 4 January 2010

३ ईडियट और -----------




३ ईडियट  और -------

 हाल ही में  आई यह फिल्म कई मायनों  में बड़ी महत्वपूर्ण  है . इस पर बारीकी  से ध्यान  देना जरूरी है. आमिर खान की यह फिल्म हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था पे प्रश्न चिन्ह  लगाती  है. साथ ही साथ ये भी बताती है कि किस तरह  आज भी  हम अपने  शिक्षा   संस्थानों में मल्टी नेशनल  कंपनियों के लिए नौकर  ही पैदा कर रहे हैं.  हम किस अंधी दौड़  में शामिल, हैं इसका  उदाहरन इस पिक्चर में दिखाया  गया  है. 
 साथ ही साथ इस पिक्चर में कुछ  कमियाँ भी रही हैं .हो सकता है मेरी यह बात आमिर खान जी  को पसंद ना आये लेकिन मुझे जो कमी लगी वो इस प्रकार है 
  1.  पिक्चर का नायक  रैंचो  वर्तमान शिक्षा व्यस्था को धता बताता है, फिर भी उसी व्यवस्था में उसका  फर्स्ट  आना  खटकता है . 
  2.  फिल्म का  नायक   सिद्धांतो कि बात करता है,लेकिन वह खुद किसी  और के लिए डिग्री मुहैया करता है.  
नायक के  संस्थान  का प्रमुख  साइकल पे चलता है, यह  बात भी  हजम  नहीं हुई .
 लेकिन कुल मिलाकर फिल्म अच्छी  है. आमिर भाई  बधाई हो  

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