अनजान नहीं हूँ ,पहचान नहीं हूँ ,
पर अब तेरा ध्यान नहीं हूँ ,
विरह विराट हूँ ,अव्यक्त अहसास हूँ ,
अब तेरा विभक्त विश्वास हूँ ,
प्यार मेरा न थमा है न थमेगा ,न घटा है न घटेगा ,
तेरे बाँहों में था जो सुख ,
मन उसे न भुला है न भूलेगा ,न उससे जी भरा है न भरेगा ,
आशक्त था आशक्त हूँ ,
तेरी बातों का अर्थ हूँ ,न बदला वो असमर्थ हूँ ,
तेरी बड़ती अभिलषा ने पीछे छोड़ा ,
नयी विधाओं से ना खुद को जोड़ा ,
जिसे देख चुपके से तू आंसूं पोंछे ,
मै वही मोहब्बत वही शख्स हूँ /
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