मन क़ी वीणा के तारों को,
टूटे उतने ही साल हुए हैं .
जितने सालों से तुमने,
ना क़ी कोई भी बात प्रिये .
इन सालों को उम्र में मेरी ,
शामिल बिलकुल मत करना .
इनका तो मेरे दिल से,
नहीं कोई सम्बन्ध प्रिये.
-----अभिलाषा
bahut hi sundar bhav piro diye hain...........badhayi.
ReplyDeleteमन क़ी वीणा के तारों को,
ReplyDeleteटूटे उतने ही साल हुए हैं .
जितने सालों से तुमने,
ना क़ी कोई भी बात प्रिये .
इन सालों को उम्र में मेरी ,
शामिल बिलकुल मत करना .
इनका तो मेरे दिल से,
नहीं कोई सम्बन्ध प्रिये.
gmail.id. 0Ashukumar@gmail.com.ashutoshkumar1522@gmail.com
इतनी बेरुखी बातें करना कब से सिखा, क्या किसी ने मोहब्बत करके दगा दिया क्या? या किसी के यहाँ बूरी तरह फँसे हो। आप और आपकी तनहाई लगता है वीणा के तार को छेडा नहीं है।
ReplyDelete