Thursday, 31 December 2009

नूतन क्या है जो मै लायुं /

नूतन क्या है जो मै लायुं ,

क्या नूतन मै भाव सजायुं ;

नित्य सुबह को नयी है किरणे ,

उनमे क्या मै और मिलायुं ,

नूतन क्या है जो मै लायुं ,

मेरी निजता तुममे है खोयी ,

तेरे सपनों से प्रभुता है जोई ;

नित नए पलों का उदगम हरदम ,

कितने उसमे सपने मै बोयुं ,

नूतन क्या है जो मै लायुं ,

तुझको तकते आखें है सोयी ;

नया है हर पल ,हर छन नया है ,

नयी है शामें सुबह नयी है ,

नया महिना साल नया है ,

क्या नया नया मै जोडूँ यार पुराने ,

क्या मै बदलूं प्यार पुराने ;

नूतन क्या है जो मै लायुं ,

क्या नूतन मै भाव सजायुं ;

No comments:

Post a Comment

Share Your Views on this..