पथिक है बैठा राह तके है ,
हमसाया मिल जाये ,
जो सपनों को सींचे है ,
रुके पगों को क्या हासिल हो ,
जो हमराही मिल जाये ,
चलते रहना नियति हो जिसकी ,
क्यूँ राहों पे रुके है ;
पथिक है बैठा राह तके है ,
बड़ते कदमों संग दुनिया भागे ,
चलता प्रियतम दुनिया मांगे ,
क्यूँ वो इसको भूले है ;
पथिक है बैठा राह तके है ,
मंजिल पहले थमना कैसा ,
धारा संग भी बहना कैसा ,
मंजिल एक पड़ाव है ,
कुछ पल का ठहराव है ,
नयी चुनौती नयी मंजिले ,
नयी सड़क का बुलावा है ,
जो संग चला वो हम साया ,
जो साथ रहा वो ही है यारा ,
पथिक है बैठा राह तके है /
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