तेरे बुलावे का इंतजार करता रह गया ,
सपनों को ख्वाब करता रह गया ;
दिल आखों से ना बह जाए कहीं ,
मै जजबातों पे इख़्तियार करता रह गया /
उनमे अहसास ना होता तो कोई बात न थी ,
उन्हें प्यार ना होता तो कोई बात न थी ;
रवायतों जिंदगी की कवायतों ने उन्हें थाम लिया ,
तेरी तमन्नाओं की फरियाद होती तो कोई बात न थी /
आशाओं के तिनके ने मुझे थाम लिया ,
हताशा टूट भी जाती तो कोई बात न थी /
मैं ना का इंतजार करता रह गया ;
तू मेरी मौत पे भी ना आती तो कोई बात न थी /
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