मेरी इक बात पे इक बात वो बोला ,
क्या बात थी वो जो बात वो बोला !
न जजबात हों काबू तो न कोई बात बोलो तुम ;
जो हो अनिश्चित तो न तकरार बोलो तुम ;
मेरी इक बात पे इक बात वो बोला ,
क्या बात थी वो जो बात वो बोला !
भावों की हो उलझन तो न इकरार बोलो तुम ;
गुस्सा भी गर आए तो मुस्कराके बोलो तुम ;
मेरी इक बात पे इक बात वो बोला ,
क्या बात थी वो जो बात वो बोला !
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..