मेरी मोहब्बत को मेरी कमजोरी ना समझ ,
मेरी चाहत को मेरी खुदगर्जी ना समझ ,
मेरी अंदाजे बेफिक्री को बेवफाई ना समझ ;
मेरे आखों के आंसू को दुहाई न समझ /
कब चाहा की तेरे आखों में आंसू आए ;
मेरे इश्क को मेरी गुस्ताखी ना समझ ;
तेरी मुस्कराहट के लिए ख़ुद को मिटा दू मैं ;
मेरे जजबातों को बेकाफी ना समझ ;
मेरी नाराजगी को भले तू ना वाजिब माने ;
मेरे प्यार को व्यर्थ की नुमाइश ना समझ /
भले तेरे रिश्ते का मुझे तू साहिल ना बना ,
मैं इश्क ना निभा पायूँगा ऐसा काहिल ना समझ ;
मेरे जीने की वजह मेरे दिल की दुआ तू है ;
मेरी मोहब्बत को तू नाकाबिल ना समझ /
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