जिसे तू न सहेज सकी वो तेरी ही असहमति हूँ /
अनुकम्पा हूँ,अनुसंशा हूँ ,अस्वीकार्य हूँ,अपरिहार्य हूँ ;
जिसे ना तू जीत सकी वो तेरा अहंकार हूँ /
आचरण हूँ ,आवरण हूँ ,अकारण हूँ, असाधारण हूँ ;
जिससे तू ना बच सकी वो तेरा ही अनुकरण हूँ /
अर्ध्य हूँ ,अवध्य हूँ ,अमूर्त हूँ ,अवधूत हूँ ;
जिसे तू ना समझ सकी वो तेरी ही अनुभूति हूँ /
आमंत्रित हूँ ,अनियंत्रित हूँ ,अविरक्त ,अशक्त हूँ ;
जिसे तू ना कह सकी वो तेरी अभिव्यक्ति हूँ /
अधीर हूँ ,आखिर हूँ ,अकांछा हूँ ,अपेछा हूँ ;
जिसे तू ना त्याज सकी वो तेरी अनिच्छा हूँ /
अमान्य हूँ ,अवमान्य हूँ ,अरीती हूँ ,अप्रिती हूँ ;
जो तू स्वीकार ना कर सकी वो तेरा अतीत हूँ /
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..