सत् है ,सच है और है अच्छाई ,
जीवन में है तकलीफें और जुदाई ;
बहते आंसू थम भी जायेंगे ,
दाग जो अपनो ने दिए ,चोट जो दिल ने लिए ;
वो रह ही जायेंगे /
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कितना व्यस्त रहता है वो ;
कभी खोया कभी मस्त रहता है वो ;
यार मेरे नाराज होयुं कैसे ;
जनता हूँ अपनी आवारगी से त्रस्त रहता है वो
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कभी दामन बचाया , कभी ख़ुद को रुलाया ;
कभी भावः नही कहता ,कभी निगाहें नही भरता ;
बडा बेमिशाल है यार मेरा ;कर गुजरेगा सब मगर ;
कभी आहें नही भरता ;
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