चाँदनी रातों में अँधियारा लगता है ;
जागते सपनों में तू हमारा लगता है ;
सोयी आखों में तू आता नही ;
ग़मों का तू उजियारा लगता है /
https://tashkantsamvad.blogspot.com/?m=1 साथियों , आप के साथ यह खबर साझा करते हुए खुशी हो रही है कि उज़्बेकिस्तान, ताशकंद से हिन्दी की पहली ...
No comments:
Post a Comment
Share Your Views on this..